Monday, March 14, 2016

Trick:- कंप्यूटर की किसी भी सर्विस को डिसेबल करें। आपकी गैरमौजूदगी में कोई नही कर पायेगा use।


    अगर आप चाहते हैं कि आपकी गैर मौजूदगी में कोई आपके कंप्यूटर पर इन्टरनेट न चला सके या आपका सीडीरोम इस्तेमाल न कर सके या दूसरी कोई भी सर्विस यूज न कर सके तो इसके लिए आप निचे बतायी गयी बातों पर अमल करें.

सबसे पहले start पर जाएँ फिर control panel खोलें फिर system को खोलें . अब आपके सामने एक विंडो खुलेगी उसमें hardware पर क्लिक करें. फिर device manager को खोलें अब आपके सामने आपके सिस्टम की सभी सर्विसेस की लिस्ट आ जाएगी.

अब अगर आपको सीडीरोम को डिसेबल करना हो तो CD-ROM drives के साथ वाले + को क्लिक करें अब आपके कंप्यूटर की सीडीरोम की डिवाइस नज़र आएगी उस पर राईट क्लिक करें और प्रोपर्टी में जाएँ अब आपके सीडीरोम की विंडो खुलेगी उसमें सबसे निचे use this device(enable) का आप्शन नज़र आएगा उसको बदल कर do not use this device(disable) सेलेक्ट कर दें. अब आपका सीडीरोम डिसेबल हो गया अब कोई भी आपके सीडीरोम को इस्तेमाल नहीं कर सकता .अब अगर आप इन्टरनेट को डिसेबल करना चाहते हैं तो लिस्ट में से modems को सेलेक्ट कर के डिसेबल कर दें.इसी तरह आप जिस सर्विस को बंद करना चाहें कर सकते हैं .सर्विस को वापस चालू करने के लिए use this service (enable) को सेलेक्ट कर दें .

Trick:- आपकी गैरमौजूदगी में आपका कंप्यूटर कब ऑफ हुआ कब ऑन जानिये।


      क्या आप जानना चाहते है कि आपके गैरमौजूदगी में आपका का कंप्यूटर अंतिम बार कब off हुआ और कब on हुआ तो इसके लिए मैं आपको एक तरीका बताता हूँ- सबसे पहले आप start बटन पर क्लिक कीजिये फिर run में जाइए,वहां टाइप करें regedit फिर ok करेंगे तो आपके सामने registry editor की विंडो खुलेगी इसमें आपको निचे दिए गए निर्देश के मुताबिक क्लिक करना है-

HKEY_LOCAL_MACHINE/SOFTWARE/MICROSOFT/WINDOWS NT/CURRENT VERSION/PREFETCHER
जब आप इसमें PREFETCHER पर क्लिक करेंगे तो दायीं तरफ आपको कुछ option नज़र आयेंगे इसमें ExitTime के सामने जो समय है वो कंप्यूटर off होने का है और जो StartTime के सामने है वो कंप्यूटर on कब हुआ उसका समय है.

Trick:- अपनी आवाज खुद रिकॉर्ड तथा एडिट करें इस बेहतरीन सॉफ्टवेयर से।


      यूँ तो यह जानकारी काफी सामान्य है, फिर भी अभी भी कुछ लोग ऑडियो रिकोर्ड करने के लिए या तो विंडोज के साउंड रिकॉर्डर का प्रयोग करते हैं, या फिर किसी अच्छे साउंड रिकॉर्डर की तलाश में इंटरनेट खंगालते रहते हैं। मेरे इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी यह तलाश खत्म हो जानी चाहिए :)

साउंड रिकॉर्ड करने के लिए सबसे अच्छे मुफ्त तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का नाम है 'औडासिटी'। औडासिटी की मदद से आप ना सिर्फ ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं बल्कि उसको एडिट भी कर सकते हैं। यदि आप एक से ज्यादा ऑडियो फाइल को मिक्स करना चाहते हैं तो आप इस सॉफ्टवेयर की सहायता से यह भी बहुत आसानी से कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर आपको हर वह सुविधा देता है जो आपको किसी प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर में मिलती हैं।

औड़ासिटी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे कि विंडोज, लाइनक्स, मैक ओ.एस. एक्स. पर बखूबी काम करता है। औड़ासिटी  की कुछ खूबियां मैंने नीचे दीं हैं-

माइक्रोफोन, लाइन-इनपुट या यू.एस.बी. किसी भी तरह की डिवाइस से आप साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं।
आप एक से ज्यादा इनपुट से एक साथ साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं और एक से ज्यादा आउटपुट डिवाइस पर इस साउंड को भेज सकते हैं।
किसी ऑडियो ट्रैक पर आप दूसरा साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं जिससे मल्टी-ट्रैक रिकॉर्डिंग संभव है।
बहुत ऊंचे सैम्पल रेट पर भी साउंड को रिकॉर्ड किया जा सकता है, पर उसके लिए आपको सही हार्डवेयर का प्रयोग करना होगा।
लेवल मॉनीटर की सहायता से आप साउंड रिकॉर्ड करने से पहले, रिकॉर्ड करने के दौरान तथा बाद में आप साउंड के लेवल पर नजर रख सकते हैं।
क्लिपिंग वेबफॉर्म में दिखाई देती है।
आप लगभग सभी साउंड फोर्मेट को इम्पोर्ट तथा एक्सपोर्ट कर सकते हैं।
ऑडियो फ़ाइल में कई प्रकार के इफेक्ट जोड़े जा सकते हैं।
ऑडियो की पिच, फ्रीक्वेंसी तथा गति में बदलाब किया जा सकता है।
अंतिम खूबी तो यही है कि इसके सोर्स कोड को डाउनलोड किया जा सकता है तथा उसमें अपेक्षित बदलाब किये जा सकते हैं

Tips:- अपने लैपटॉप को ऐसे करें फार्मेट।




   लैपटॉप फार्मेट करने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अगर आप अपना विंडो अपग्रेड कर रहे हैं या फिर आप अपने लैपटॉप की सभी ड्राइव फार्मेट करना चाहते हैं। अगर विंडो में कोई खराबी आ गई है तभी कई विंडो फार्मेट कर सकते हैं या फिर उसे रिपेयर कर सकते हैं।

विंडो फार्मेट करने के लिए आपको कोई खास ट्रेनिंग या फिर किसी एक्‍सपर्ट की जरूरत नहीं आप चाहें तो खुद अपना पीसी फार्मेट कर सकते हैं। बस इसके लिए आपके पास ओरीजनल विंडो ऑपरेटिंग सिस्‍टम की सीडी होनी चाहिए। अगर आप भी अपने पीसी के विंडो को फार्मेट या फिर रिपेयर करना चाहते हैं तो नीचे दी गई स्‍टेप को फॉलो करके पीसी फार्मेट कर सकते हैं।

स्‍टेप 1
सबसे पहले अपने पीसी में सेव सारा डेटा एक्‍टर्नल हार्डडिस्‍क या फिर किसी दूसरी डिवाइस में सेव कर लें क्‍योंकि लैपटॉप फार्मेट करने के बाद आपके पीसी में सेव सारा डेटा मिट जाएगा।

स्‍टेप 2
डेटा सेव करने के बाद विंडो ऑपरेटिंग सिस्‍टम की सीडी ड्राइव में लगाएं।

स्‍टेप 3
सीडी हार्डडिस्‍क में लगाने के बाद विंडो सेटअप लोड होने तक थोड़ा इंतजार करें।

स्‍टेप 4
लैपटॉप को रीबूट होने दे और विंडो सेटअप के मेन मेनू के आने का इंतजार करें।

स्‍टेप 5
विंडो सेटअप मेन मेनू आने के बाद सेटअप स्‍क्रीन में इंस्‍टॉल नाओं के ऑप्‍शन पर क्लिक करें।

स्‍टेप 6
विंडो सेटअप मेनू में इंटर करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट के लाइसेंस एग्रीमेट पर टिक मार्क लगा दें इसके लिए आप चाहें तो शार्टकट बटन "F8" का प्रयोग भी कर सकते हैं नहीं तो माउस की मदद से बॉक्‍स में टिक मार्क लगा दें। विंडो सेटअप मेनू में इंटर करने के बाद माइक्रोसॉफ्ट के लाइसेंस एग्रीमेट पर टिक मार्क लगा दें इसके लिए आप चाहें तो शार्टकट बटन "F8" का प्रयोग भी कर सकते हैं नहीं तो माउस की मदद से बॉक्‍स में टिक मार्क लगा दें।

स्‍टेप 7
अगर आप अपने लैपटॉप में इंस्‍टॉल विंडो को रिपेयर करना चाहते हैं तो "Esc" बटन दबा कर रिपेयर कर सकते हैं इससे आपके पीसी का डेटा सेव रहेगा लेकिन दूसरी सेटिंग विंडो अपने हिसाब से सेट कर देगा। पीसी में हार्डड्राइव के पार्टीशन को बदलने के लिए अपने कीबोर्ड में "D" बटन को दबानें के बाद "Enter" बटन को दबा दें। अब आपके पीसी की हार्डड्राइव फार्मेट होनी शुरु हो जाएगी।

Microsoft word में view menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : View Menu (वीव मीन)

word_View Menu (वीव मीन):- Web layout:,Normal,print layout,out line,Tool Bars(टूलबार),Header & Footer (हेडर और फुटर),Document Map (डाकुमेंट मैप),Zoom (जूम)
View Menu (वीव मीन):-

इस मेनूके अन्दरdocument का  appearance (स्वरूप) बदलने से सम्बन्धितcommonds  पायी जाती है। इसमें 4 view पाये जाते है।

1. Normal:  इसमें  border, page layout  और  vertical ruler नहीं दिखायी देता है

2. Web layout: इस  view  में  web page  की तरह दिखायी देता हैं जैसा कि internet browser पर दिखायी देता है। लेकिन appearance normal vew  जैसा होता है।

3. print layout: इस view  में page layout, border, & left top में Ruler bar, Right & botton  में scroll bar
दिखायी देता है।

4. out line: इस  view में ruler bar नहीं दिखायी देता है। इसमें  heading, sub heading, text & sub document create कर सकते है। इसमें कोई  graphics object नहीं दिखायी देता है। इसमे एक outline tool bar  भी दिखायी देता है। जिसमें इससे सम्बन्धित GUI commonds होती है।

Tool Bars(टूलबार):-  इसमें विभिन्न तरीके के  tool bar होते है। जिनको यहाॅ से appear  या  disappear  कर सकते है। जैसे कि standard toolbar, formating toolbar & drawing toolbar  इत्यदि ।

Header & Footer (हेडर और फुटर):-  इस आपशन से  header & footer लगा सकते है। और देख सकते है। इस आपशन को select करने पर header & footer toolbar Hभी खुलता है। जिसमें इससे सम्बन्धित commands होती है। जो इस प्रकार दिखायी देता हैं।



Document Map (डाकुमेंट मैप):- इस आपशन को सेलेक्ट करने पर एक बायी ओर window खुल कर आ जाती हैं। जिसमें headingsदिखायी देती हैं। उन  heading पर  click कर उसमें सम्बन्धित text देख सकते हैं। इस तरह इसका प्रयोग heading को collapse & expand करने के लिये प्रयोग करते है।

Zoom (जूम):-इस आपशन से  page का size  छोटा या बडा करने के लिए प्रयोग करते हैं।

Microsoft word में insert menu को कैसे use करे।



MS Word : Insert (इनसर्ट)

word_Insert Menu (इनसर्ट मेनू):-Break (ब्रेक),Page Numbar (पेज नम्बर),Date & Time (तारीख एवं समय),Autotext (आटोटेक्स्ट ),Symbol (सिम्बल),Comments (कमेन्टस),Footnote (फुटनोट),Caption (कैंपसन),Cross Reference (क्रास रिफ्रेन्स ),Index & tables (इन्डेक्स और टेबल्स ),Picture (पिक्टर),Hyperlink (हाइपरलिंक)
Insert(इनसर्ट)

Insert Menu (इनसर्ट मेनू):- इस मीन के अन्दर document  की कार्य क्षमता को बढाने से सम्बन्घित  commonds  होते है। वे इस प्रकार है।

Break (ब्रेक):- इसमें document के matter को पेजों में तोडा जाता है। जब हम इस आपशन को select करते हैं। तो यह एक  dialog box
डिस्पले करता है। जो नीचे दिया गया है।



Page Numbar (पेज नम्बर):- इस आपशन के द्वारा  document  में page Numbar डालते है। इसका dialog box इस तरह डिस्पले होता है।

Date & Time (तारीख एवं समय):-इसमें पेज के अन्दर जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ पर  date & time डाल सकते है।

Autotext (आटोटेक्स्ट ):- इसमे पेज के अन्दर at the cursor position  कुछ विशिष्ट टेक्स्ट को डाल सकते है इससे टाइप करने का समय बच जाता है। और Spelling mistake नहीं होती हैं।

Symbol (सिम्बल):- इस आपशन के द्वारा document में symbol insert  किया जाता है। जब हम इस आपशन को सिलेक्ट करते है तो एक dialog box कुछ इस तरह से दिखायी देता है।

Comments (कमेन्टस):-इस आपशन के द्वारा पेज के अन्दर कहीं भी secret text लगा सकते है। जिसके माध्यम से, बाद में हम कभी उस निश्चित location पर पहुॅच सकते है।

Footnote (फुटनोट):- इस आपशन के द्वारा हम किसी वर्ड की व्याख्या symbol  के साथ पेज की बाटम में दे सकते है। इसका dialog box इस प्रकार डिस्पले हेाता है।

Caption (कैंपसन):- इस आपशन के द्वारा किसी graphics object  का टाइटिल दे सकते है।

Cross Reference (क्रास रिफ्रेन्स ):- इसकी सहायता से हम document में  items को एक दूसरे से link स्थापित कर सकते है। और इसकी सहायता से एक  location  से दूसरी location पर Navigate  कर सकते है उदाहरण के रूप में दो  heading को एक दूसरे से  link कर सकते है। जैसे कि इसमें page 1 पर Heading 1 बनाये और  page 2 पर heading 2 बनायी और इसके बाद  cross reference option को  select कर  insert button पर क्लिक करने से cursor होता है वहाॅ पर link बन जाता है।

Index & tables (इन्डेक्स और टेबल्स ):- इस आपशन की मदद से topics का index तैयार किया जाता है। कि कौन सा topic
किस  page पर है इससे topic ढूढना आसान हो जाता है। जैसा कि किताबो के अन्त में दिया होता है। इसको select करने पर dialog box आता है। जिससे topics की marking कर लेते है। फिर नये पेज पर lndex को  create कर लेते है।

Picture (पिक्टर):- इस आपशन से  document के अन्दर जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ पर computer  में  store किसी भी picture को  insert कर दिया जाता है।
Text Box (;टेक्ट बाक्स ):- इससे  document के अन्दर एक  text box insert हो जाता है। इसके बाद इसमें जो text लिखा जाता है। इसका direction  बदल सकते है।

Hyperlink (हाइपरलिंक):- इसकी सहायता से किसी दूसरी file को document के अन्दर  atach  कर सकते है। उसका एक लिंक बना लेते है और उस पर click करने पर atached file खुल जाती है। इसकी shortcut key ‘ctrl + k’ होती है।

Microsoft word में file menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : File Menu (फाइल मेनू)

word_File Menu(फाइल मेनू), New (न्यू),Open(ओपेन),Close(क्लोज),Save (सेव),Save as (सेव ऐज),Save as wab page (सेव एज वेब पेज),page setup(पेज सेटअप),Print (प्रिट)
File Menu(फाइल मेनू)_

 New (न्यू):- इस option के माध्यम से नया document बनाया जाता हैं। इसकी
short cut key   Ctrl+N होती है।

Open(ओपेन):- इस  option के माध्यम से पहले से बना हुआ document file को खोलते हैं। इसकी shortcut key ctrl+o होती है।

Close(क्लोज):- इसमें current open file को बन्द किया जाता है

Save (सेव):-इस option के माध्यम से file को permanent storage device पर सुरक्षित करते है।

Save as (सेव ऐज):-इसके द्वारा current open file की duplicate copy तैयार करते है।

Save as wab page (सेव एज वेब पेज):-इस  option के द्वारा file को html format में सेव करते है।
जो internet browser से open हो जाती है।

page setup(पेज सेटअप) :- इस option का प्रयोग पेज की margin size & orientation set सेट करते है इस option को select करने पर page setup dialog box खुल जाता है। जो इस प्रकार दिखायी देता है।



margin से पेपर के चारो तरफ स्पेस set किया जाता है। जैसे कि left Right top & botton इसके साथ header & footer का space भी निर्धारित कर सकते है। gutter position भी सेट कर सकते है। जोकि binding के लिए स्पेस छाडते है। इसको पेज के लेफ्ट में या top में सेट कर सकते है।

pager size:- पेपर साइज से हम पेपर की width & hight घटाते बढाते है। और पेज का orintation set करते है।

Portrait:- peper पर printout horizontal lines में होता है।

Landscape:- peper  पर printout virtical line  में होता है।

Print Preview (प्रिंट प्रीवीव):- इस  कमान्ड की सहायता से देखते है कि पेपर पर printout कैसा आयेगा।

Print (प्रिट):- इस option के द्वारा पेपर पर printout लिया जाता है। इसका diolog box नीचे दिया गया है। जिसमें हम printout की setting कर सकते है।



Sent To (सेंट टू):- इस option के द्वारा document को mail या fax इत्यदि कर सकते है।

Exit(इक्जिट):- इस option के  द्वारा  msword से बाहर आते है।

Microsoft word में edit menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : Edit Menu (इडिट मेनू)

word_Edit Menu (इडिट मेनू),Undo(अन्डू),Redo (रिडू),Cut (कट),Copy (कापी),Paste Special (पेस्ट स्पेशल),Clear (क्लीयर),Select all (सेलेक्ट आल),Find (फाइन्ड),Replace (रिपलेस),Goto (गोटू)
Edit Menu (इडिट मेनू):-

Undo(अन्डू):- यह आपशन current action को डीलीट करता है। और previous action पर पहुॅच आता है।

Redo (रिडू):- इस आपशन से current action delete हो जाता है। और next action पर पहुॅच जाता है।

Cut (कट):- इस आपशन से द्वारा selected text को हटा कर clipboard में डाल दिया जाता है।

Copy (कापी):- इस commond के द्वारा selected text कापी कर के clipboard में store कर दिया जाता है। और text वही पर बना रहता हैं।

Paste(पेस्ट):- इस आपशन के माध्यम से clipboard में store data को वहा पर paste किया जाता है। जहाॅ पर cursor होता है।
Paste Special (पेस्ट स्पेशल):- selected text को कट या कापी करने के बाद किसी विशिष्ट रूप मे paste कर सकते है। यह आपशन को select करने पर एक dialog box open gोता है। वहाॅ से विशिष्ट रूप select कर के ok button पर क्लिक करने से पेष्ट हो जाता है। इसका dialog box इस प्रकार दिखायी देता है।



Clear (क्लीयर):- इस आपशन को  select करने पर selected text हट जाता है।

Select all (सेलेक्ट आल):- इस आपशन से पूरा document select हो जाता है।

Find (फाइन्ड):- इस आपशन से द्वारा  document के अन्दर किसी विशिष्ट text या  word  को ढूढा जाता हैं।

Replace (रिपलेस):- इस आपशन के जरिये किसी स्पेशल  text  को किसी दूसरे text से Replace कर सकते है।

Goto (गोटू):- इस आपशन की मदद से किसी specified page, line bookmark , comment, footnote & heading पर पहॅुच सकते है।

Microsoft word को शुरू करना।



Starting Msword (msword को शुरू करना)

word_Starting Msword (msword को शुरू करना) स्टार्ट एम एस वर्ड,स्टेटस बार,रूलर बार,फारमैेटिग टुल बार,मेनूबार और टाइटिल बार आदि

Starting Msword (msword को शुरू करना):-

Msword को हम तीन तरीके से open कर सकते है।

(1) start->all program->msword पर mouse का left Button click कर
(2) start -> Run …पर click करने पर एक dialog box open होता है। उसमें name को आगें Box esa winwood type कर ok Botton पर click करने कर
(3) disktop window पर मौजूद msword के  shortcut icon पर click करने पर लेकिन किसी भी तरीके से open करे msword की main window

इस प्रकार दिखेगी जिसका चित्र नीचे दिया गया है।



Title bar (टाइटिल बार):- इस विन्डो में सबसे ऊपर टाइटिल बार होता  है। जिसमें applcation का Logo, document का नाम, application का नाम और तीन control botton  दिखायी देता है।

Menu Bar (मेनूबार):-  इस विन्डो में title bar के नीचे menu bar दिखायी देता है। menu के अन्दर options पाये जाते है। option का प्रयोग कर कम्प्युटर को दिशा निर्देश दिया जाता है। options (commands) को उनके working behavour के अनुसार categorize कर दिया जाता है। जिन्हे मेनू(menu) कहते है

Standard Tool Bar :- यह tool bar menu bar के नीचे होता है इसमें commands icons के रूप में दिखायी देती है जिनको user देख कर अपने अनुसार प्रयोग कर सकता है। इसमें उन commandss को icons के रूप में दिखाया जाता है। जिन्हे user प्रायः use करता है।

जैसे कि new, open, save etc.

Formatting Tool Bar (फारमैेटिग टुल बार):-  यह बार सामान्यतः standard tool bar के नीचे होता है। इसमें document को formatting से सम्बन्धित commands icons के रूप में दी होती हैं जिनको use कर document का appearance  बदल सकते है।

Ruler Bar (रूलर बार):- यह बार format bar से नीचे एवं page के ठीक ऊपर होता है। इसका प्रयोग Tab setting एवं text indentation के लिए प्रयोग करते है।

Status Bar (स्टेटस बार):- यह बार विन्डो के सबसे नीचे स्थिति होता है। यह document की current position को बताता है।

Details Of Menu :- menu के अन्दर commonds  पायी जाती है। जिन्हे options कहते है। options के कार्य प्रकति के अनुसार अलग-अलग menu के नाम से grouping कर दिया जाता है। जैसे कि file menu, edit menu ,
vew menu & insert menu etc.

Microsoft office में tool का प्रयोग कैसे करें।



MS Word : Tools

word_Tools,Spelling And Grammer(स्पेलिंग एण्ड ग्रामर),Word Cound(वर्ड काउन्ट ),Autocorrect(आटो करेक्ट ),Protect Document(प्रोटेक्ट डाकूमेंट),Mail Merge (मेल मर्ज ),Macro(मैकरो )
Tools

Spelling And Grammer(स्पेलिंग एण्ड ग्रामर):- इस आपशन के द्वारा document के अन्दर लिखे गये  text की  spelling जाॅचते है। और ग्रामर mistake भी पता करते है।

Word Cound(वर्ड काउन्ट ):- इस आपशन से  document की पूरी statistics पता करते है। कि कितने paragraph, line & words इत्यादि यह इस तरह से  show करता है।


Autocorrect(आटो करेक्ट ):- यह एक ऐसा आपशन होता है। जिसमें कई word अपने आप सही हो जाता है। word और उनके सही forms  पहले से  set कर दिये जाते है। तो उसके लिखने के बाद enter को प्रेस करने पर या space bar प्रेस करने पर स्वयं सही हो जाते है। उसे  auto correct कहते है। इसका  dialog box इस तरह होता है।

Microsoft office में format का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : Format

word_Format(फ़ारमैट मेनू)Font- ,Paragraph- पैराग्राफ,Columns,Change Case(चेन्ज केस),Background(बैंक ग्राउन्ड ),Tabs,Text Direction(टेक्स्ट डायरेक्शन)

Format

Font- फान्ट के माध्यम से स्क्रीन पर  टेक्स्ट को एक स्टइल में लिखा जाता है जो स्क्रीन पर प्रदशित होता है। इससे font name,style & size cदलते है जो डाकुमेंन्ट स्कीन पर दिखता है। इसका  dialog box नीचे दिया गया है ।



Paragraph- पैराग्राफ की माध्यम से पैराग्राफ की फाॅरमेटिंग करते है   फाॅरमैट पैराग्राफ पर क्लिक करते है। तो इसका dialog box इस प्रकार प्रदर्शित होता है।



Columns:-
text को columns में लिखना प्रायः एक फैशन की तरह है। जैसा की न्यूज पेपर में लिखा रहता है। टेक्स्ट लिखने के बाद कालम आपशन मे जाते है। वहाॅ पर एक डाइलाग बाक्स खुल कर आता है जहाॅ से no of columns select
 करतें है। जो इस प्रकार है ।



Change Case(चेन्ज केस):- इससे text का  case बदलते है। जब हम इस आपशन को select  करते है। तो एक  dialog box खुलता है जो नीचे दिखाया गया।



Background(बैंक ग्राउन्ड ):- इससें document का background बदलते है। जिसमे हम कोई color, texture या picture  डाल सकते है। इसका  dialog box नीचे दिया गया है।



Tabs: – document में टेब का प्रयोग साधारण लिस्ट की  Rilatiuely के लिए किया जाता है। टैब का प्रयोग भी  text में alignment set करने के काम आता है। लेकिन by default tab o. s inch सेट हो जाता है। इसमें वैलु लेफट में मार्जिन में सेट होती है।

Text Direction(टेक्स्ट डायरेक्शन):- जो text box document में insert menu से  insert किया जाता है। उसकेs text का direction
बदलने के लिए प्रयोग करते है।

Microsoft office Excel क्या है।



MS Excel क्या है

MS  Excel :-
 MS Excel एम एस आफिस का एक भाग है जिसे  spread sheet package के नाम से जाना जाता है जिसमें  data को  rows और columns में लिखा जाता है और उसके बाद उस पर किसी भी तरह की calculation कर सकते हैं। जैसे कि  mathematical statistical और  financial  इत्यादि।  इसमें data का विश्लेषण कर सकतंे है और उसकी report बना सकते है। इसमें data  का graph  के रूप में प्रदशित कर सकते है। 

Microsoft Word की विशेषताऐ।



MS Word : Features (विशेषताऐ)

msword की मुख्य विशेषताऐ क्या है

Features(विशेषताऐ)

msword  की मुख्य विशेषताऐ msword user को ज्यादा क्यो प्रसन्द है क्योकि इसमें काम करना बहुत  आसान है। इसकी कुछ विशेषताए इस प्रकार है।

Web Related Feature(वेब सम्बन्धित विशेषताए) :-

1. web centered document creation(वेब से सम्बन्धित फाइल
बनाना):-
2. document को HTML format में सेव कर सकते हैं। जिसको हम
internet browser से भी देख सकते है।
3. web page wizard (वेब पेज विजार्ड ) इसकी सहायता से आसानी से
और जल्दी से web page बना सकते है।
4. web page preview (वेब पेज प्रीवीव)
इसमें हम web page dk preview देख सकते है कि कैसा Brouser पर
दिखेगा ।
5. hyperlink interface (हापरंिलंक इन्टरफेस): इसके मदद से
दूसरे document या पेज को link कर सकते है। और इस पर click करने
पर वह सम्बन्धित page खुल जाता है।
6. internet connectivity (इन्टरनेट कनेक्टीविटी): इसमें इण्टरनेट से
connection कर सकते है और E-mail बहुत ही आसानी से कर सकते
है।
   Internal Features (आन्तरिक विशेषताए):

1. Language settings (लेंगुएज सेटिग्स) बिना किसी दूसरी क्रिया
को प्रभावित किये user अपनी मन प्रसन्द भाषा का चयन कर सकता
है।
2. Proofing tools (प्रूफिग टूल्स) user अपनी प्रसन्द की कई
भाषाये। software डाल सकता है। और उससे सम्बन्धित spelling &
grammer checking tool भी डाल सकते है।
3. Assign language (एसाइन लैम्पूज): user अपनी मन प्रसन्द
भाषा में काम कर सकते है। जिसको operating system support करे।

  General Features (सामान्य विशेषताऐ)

(1) Office assistant (आफिस असिस्टैंट):- यह help
प्रदान करने का gateway होता है। इसकी सहायता से ms
word से सम्बन्घित किसी भी topic की जानकारी प्राप्त कर
सकते है।
(2) Drawing tools (ड्राइंग टूल्स):-
msword 3D shape बनाने के tools प्रदान करता है।
जिसकी सहायता से हम मनचाही 3D drawing
आसानी से बना सकते है।
(3) Editing & proofing tools (इडीटिगं और प्रूफिगं टूल्स ):-
msword के अन्दर grammatical & seilling   mistake
को सही करने के बहुत ही अच्छे tools उपलब्ध है।
जिसकी सहायाता से हम गलतियो को सुधार सकते है।
(4) template & wizard (टेम्पलेट और विजार्ड) msward के
अन्दर कुछ बने हुए format उपलब्घ होते है। जो user को एक
proper format & style प्रदान कर सकते है। जिसको use कर
user अपने document को सही format प्रदान कर सकते है।
(5) mail merge (मेल मार्ज):
इस tool की मदद से user कम समय कई
correspondance letter तैयार कर सकते है। इसमें letter
document & Record source Document को एक में
(merge) मिला कर कई correspondonce letter तैयार कर
सकते है।

Microsoft Excel में view menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : view menu (वीव मेनू)

excel_view menu (वीव मेनू),Formula Bar(फार्मूला बार),Custom View(कस्टम वीव)

view menu (वीव मेनू)

इस मेनूमें  formula bar और custom view के अलावा सभी आपशन वही है। जिनको हमनें msword मे पढा है।

Formula Bar(फार्मूला बार):- इस आपशन से  formula bar प्रदर्शित या गायब किया जाता है।
Custom View(कस्टम वीव):- इस आपशन के द्वारा  sheet के अन्दर किसी portion  का नाम दिया जाता है। और फिर हम उस नाम के माध्यम से उस जगह पर आसानी से पहुच सकते है।

Microsoft Excel में sum formula कैसे प्रयोग करते है।



एम एस एक्सेल में सम फार्मूला सीखें

आज हम बतायेंगे कि excel के sum formula के Use कैसे किया जाये, यह बहुत उपयोगी और सरल formula है -


सबसे पहले Image 1.1 देखिये यहॉ column & Raw को दर्शाया गया है, इन्‍हीं से मिलकर cell बनता है, ms excel में  formulas का प्रयोग करने से पहले याद रखिये कि formula हमेशा cell के लिये लगाया जाता है, उस cell में लिखी संख्‍या से कोई भी हो सकती है।

अगर आपको ms excel में sum formula का प्रयोग करना है तो cell में लिखी संख्‍या पर नहीं cell पर ध्‍यान दीजिये -

For example - अगर आपको a1 से a4 तक के Cells को जोडना है तो a5 या किसी अन्‍य cell में टाइप कीजिये
=SUM(A1:A4) image 1.2 देखिये -



आप अलग-अलग cells को अपनी मर्जी के अनुसार भी चुन सकते हैं - जैसे
=sum(a1+a2+a4) यहॉ हमने Cell  a3 को छोडकर बाकी cell का योग किया है।

Microsoft Excel में menu का प्रयोग कैसे करते है।



MS Excel : menu(मेनू)

excel_File Menu(फाइल मेनू),Print Area(प्रिन्ट एरिया ),Clear Print Area(क्लियर प्रिन्ट एरिय)

Menu(मेनू)

Excel में commands menu में आपशन के रूप में उपलब्ध होती है।  commands की प्रक्रति एवं व्यवहार के अनुसार समूहो में बाॅट दिया जाता है। जैसेः- file menu, edit menu, vew menu. इत्यादि।

File Menu(फाइल मेनू)

Print Area(प्रिन्ट एरिया ):-  इसमें सबसे पहले sheet  का जितना भाग प्रिन्ट करना हो, उतना भाग  select कर लेते है। उसके बाद इस option पर click कर देते है। तो उतना ही भाग प्रिन्ट होता है।

Clear Print Area(क्लियर प्रिन्ट एरिय):- इस आपशन से सेट किया हुआ Print Aria  हटा देते है। जिससे कि पूरी sheet   प्रिन्ट हो सके।

Microsoft Excel में insert menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Insert menu (इन्सर्ट)

excel_INSERT MENU(इन्सर्ट) ,Chart (चार्ट )
INSERT MENU(इन्सर्ट)

Insert menu  के अन्दर अबजेक्ट को पेज में इन्सर्ट करने से सम्बन्धित आपशन होते है।  cell pointer जहाॅ पर होता है। वह नयी cell ,Row, column, worksheet insert  कर सकते है।

Chart (चार्ट ):- किसी भी  Numerical data का  graphical Representation कर सकते है। जैसे कि किसी डाटा का column , bar, pie या Line chart इत्यादि बना सकते है।
  चार्ट बनाने की विधिः-

(1) select the data
(2) insert –> chart पर क्लिक करे



(3) select type of chart from chart wizard
(4) click on next button



(5) Give the name of chart, value of x-axis and value of y-axis and then click next button



(6) select the place where chart placed
1- as new sheet
2- as object in

Microsoft Excel में edit menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Edit Menu(इडिट मेनू)

excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट)

Edit Menu(इडिट मेनू )

paste special(पेस्ट स्पेशल):- जब किसी copy या CUT किये गये  data  को कही दूसरे स्थान पर एक विशिष्ट और उस पर कोई operation के साथ paste करना होता है। तो हम इस option को चुनते है। इसको  select करने पर एक   dialog box खुलता है। जहाॅ से  paste का  form & operation का type चुनते है। इसका dialog box नीचे दिया गया है।



Fill(फिल):- इससे data को Row या column में एक विशिष्ट pattern से fill करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इस आपशन के अन्दर कई sub-option होते है। वे इस प्रकार है।


down (डाउन):- इससे  data नीचे की ओर fill होता है।
up(अप):- इससे  data उपर की ओर fill होता है।
Right(राइट):-इससे data दाहिने ओर  fill होता है।
Left(लेफ्ट ):- इससे data बायी ओर  fill होता है।
Series(सीरीज):- इस आपशन पर  click करने से एक नया dialog box खुलता है। जो इस प्रकार है।



जिस  pattern में fill करना होता है। वह  pattern ऊपर दिये गये dialog box से चुन लेते है।

Clear(क्लियर):- इस  option  से selected cell की Information हटायी जाती है। इसके अन्दर निम्न  sub option है।


(1) All(आल): इससे  cell  के अन्दर मौजूद सभी जानकारी हट जाती है।
(2) Format(फार्मेट):- इससे केवल  formatहटाया जाता है।
(3) Contents(कन्टेन्टस):-  इससे content(data) हटाया जाता है।
(4) Comments(कमेन्टस):-इससे comment  हटाया जाता है।

Delete(डिलीट):- इस आपशन से  cell, Row या columnहटाया जाता है। इस पर click करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें से हम एक option select करते है। इसका dialog box इस तरह होता है।



Delete Sheet(डिलीट शीट):- इससे पूरी sheet हट जाती है। A

Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट):-  इससे पूरी sheet moveया copy  किया जाता है।

Microsoft Excel में Tools menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Tools Menu (टूल्स मेनू)

excel_Tools Menu(टूल्स मेनू) ,Merge Work Book (मर्ज वर्क,बुक),Goal Seek (गोल सींक),Scenario(सीनौरियो ),Auditing (आडिटिंग)

Tools Menu(टूल्स मेनू)

Share workbook
इस option के द्वारा वर्कबुक को नेटवर्क या इन्टरनेट के जरिये बहुत सारे user सूचना प्राप्त कर सकते है।

Merge Work Book (मर्ज वर्कबुक):- इस आपशन के द्वारा एक वर्कबुक में change करने पर दूसरी वर्कबुक में भी change merge  हो जाते है। इस प्रकति को merge  वर्कबुक कहते है।

Goal Seek (गोल सींक):- यह एक  data analysing tool है। जिसके माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने का सही उपाय खोजा जाता है।
process of goal seek:-

1. place cell pointer of result cell
2. tools-> Goal Seek  पर  click करें।
3. change the value of result cell
4-tell reference of corressponding independent cell

उदाहरण के रूप में:-



ऊपर दी गयी टेबल इन्टरेस्ट  Rs 400/= है। इसे बढा कर Rs 500/= करना चाहते है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिय हम इसके लिये सेल पाॅइन्टर D2 रखेगें और goal seek option  पर क्लिक करेगें तो एक  dialog box खुलेगा
जो इस प्रकार है।



और value 500 लिखेगें और By Reference कालम में $B$2 टाइप करने के बाद ok बटन पर क्लिक करेगें तो रेट लक्ष्य के अनुसार बदल जायंेगा
Scenario(सीनौरियो ):-यह भी एक Analysis tool है। जिसका प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर यह देखना हो कि input data को बदलने पर output पर क्या प्रभाव पडेगा। जैसे कि नीचे दी गयी टेबल में रेट 8 से 9.5 करने से इन्टरेस्ट पर क्या प्रभाव पडेगा।



इसके लिये tools->scenario option पर क्लिक करेगे तो इसका एक dialog box इस तरह खुलेगा



इसमे हमscenario नाम लिखेगे और changing cell में B2 लिख कर ok पर click करेगे



तो यह B2 की value पूछेगा उसमें 9-5 टाइप करेगे और ok button पर click करेगे ।



इसके summary बटन पर click करने से scenario रिर्पोट दिखेगी जिसमे interest बदला हुआ दिखायी देगा।



Auditing (आडिटिंग):- इसके द्वारा cell value की dependency & independency मार्क की जाती है-

Microsoft Excel में Table कैसे बनाते है।



MS Excel : Table बनाना सीखें

Table

Tables (टेबल्स ):- msword में जब कभी हमें data को tabular form में लिखना होता है।  tables का प्रयोग करते है। इससे data को rows & columns में लिखा जाता है। और इसके  data को  format करने से सम्बन्धित commands पाये जाते है। वे इस प्रकार है।

Insert Table (इन्सर्ट-टेबल):- इस option से document  में
table  बनाते है। इसको  select करने पर एक  dialog box खुलता है। जिसमें number of rows & no. of columns select या input कर ok button पर करने पर जहाॅ कर cursor होता है वहाॅ पर table बन जाती है। इसका dialog box इस तरह दिखता है।



Insert- Row (इनसर्ट रो ) इससे  table में एक नई row insert हो जाती है।

Insert-Column (इनसर्ट-कलम):- इससे  table  में एक नया कालम जुड जाता है।

Delete-Table(डिलीट-टेबल):- इससे seleted table document से हट जाती है।

Delete-Rows(डिलीट-रो ):-इससे  selected rowटेबल से हट जाती है।

Delete–Column(डिलीट-कालम):-इस आपशन से slected column टेबल से हट जाता है।

Select-Table(सेलेक्ट-टेबल):- इसके द्वारा टेबल को select किया जाता है।

Select-Row(सेलेक्ट-रो ):-इससे  table के अन्दर उस column  को select हो जाता है। जहाॅ पर  cursor होता है।

Merge-Cells(मर्ज सेल्स ):- इसकी सहायता से दो या दो से अधिक selected cells एक मे मिला दिया जाता है।

Split Cell(स्पिलिट सेल):- इस commond की सहायता से एक  cell में दो या दो से अधिक  cells बनायी जाती है।

Split Table (स्पलिट टेबल): इससे table को कई भागो में बाॅटा जाता है। जहाॅ पर cursor  होता है। वहाॅ से दो भागो में बट जाती है।

Table Autoformat (टेबल आटोफारमेट):- इस आपशन के माध्यम से table को format  किया जाता है। इसके  select  करने पर एक  dialog box display होता है। जहाॅ पर पहले से बने हुए कुछ  format दिखायी देते है। उनमें से  format को select करते है  table उस format  में बदल जाती है। इसको select करने पर  dialog box



Convert (कनवर्टZ):- इस option के द्वारा selected table  को  text में या table को text  में convert किया जाता है।

Sort (सार्ट ):-  इस आपशन से data  को ascanding / descending order में व्यवस्थित किया जाता है।

Formula(फार्मूला ):- इस आपशन के द्वारा  table के अन्दर मौजूद  data कों  row wise / column wise या cell wise गणना करने के लिए कुछ formula(सूत्र ) उपलब्ध होते है। जिनका प्रयोग कर हम गणनाएॅ कर सकते है। इसका dialog box  इस प्रकार होता है।

Microsoft Excel में Data menu का प्रयोग कैसे करते है।


MS Excel : Data Menu

Data Menu एम एस एक्सेल डाटा मेनूहिन्दी मे सीखे sort(सार्ट ),Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर),Pivote Table(पाइवोट टेबल),Consolidation(कन्सोलिडेशन),Table(टेबल)Auto Filter(आटो फिल्टर)
Data Menu

sort(सार्ट ):- इसके द्वारा डाटा को एक particular कालम के अनुसार ascending या  descending order  में व्यवस्थिति करते है।

Filter(फिल्टर):- इस option को प्रयोग डाटा को ढूढने के लिये किया जाता है। इसके अन्दर दो sub- option  होते है।

(1) Auto Filter
(2) Advance Filter

Auto Filter(आटो फिल्टर):-  इस आपशन का प्रयोग करने से सभी  Header Column में  Combo Box लग जाता है। जिसमें searching tools पाये जाते है। उसमे से  user अपनी जरूरत के अनुसार searching tool  चुनता है। जैसे-

Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर):- इस option के द्वारा लिस्ट से condition  के अनुसार खोज कर दूसरे स्थान पर  display करते है। इसमे तीन प्रकार की  Range  का प्रयोग होता है।

(1) List Range
(2) Criteria Range
(3) Output Range

(1) List Range (लिस्ट रेन्ज ):-  यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ से Records के खोजे जाती है।
(2) Criteria Range(कराइटेरिया रेन्ज ) यह वह range  होती है। जहाॅ पर condition  दी जाती है। इसी condition  के अनुसार लिस्ट रेन्ज से डाटा फिल्टर होता है।
(3) Output Range (आउटपुट रेन्ज ):- यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ पर output display होता है। जो  range critera रेन्ज के अनुसार लिस्ट रेन्ज से फिल्टर होते है। वह सभी records  इसी रेन्ज मे प्रिन्ट होता है।

Practicall Approach:-

1 prepare a data list
2 copy header row
3 paste it twice at different location

a. first for criteria range
b. second for output range

   4 set the condition in criteria range for filtering data
   5 set the cell pointer at first cell of list range
   6 select advanced filter option from filter them it  display a dialog box tell criteria range ,output range and  press ok button alter that you will see the filtered records in output range.

Form(फार्म ):- फार्म आपशन से user interface बनाया जाता हैं।जिसकी सहायता से डाटा को व्यवस्थिति किया जाता है। फार्म बनाने के सबसे पहले cell pointer को पहली cell में रखा जाता है। और उसके बाद इस आपशन पर click किया जाता है। जैसे कि नीचे दिया गया है।

subtotal(सबटोटल):- यह आपशन वहाॅ पर प्रयोग किया जाता है। जहाॅ पर एक नाम से कइ्र्र रिकार्ड होते है। और वह financial activities से सम्बन्धित हो। जैसे कि एक कम्पनी में कई सेल्समैन कई item अलग-अलग जगहो पर बेचना है। तो वहाॅ पर हर सेल्समैन का total और Grand total निकालने की जरूरत पडती है। इसके लिए सबसे पहले हमें रिकार्ड की ascending order में sort कर लेते है। उसके बाद लिस्ट के select करिये और इस आपशन पर click करे। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Validation(वैलिडेशन):- इस आपशन के द्वारा सीट के अन्दर कार्य पद्वति के नियम स्थापित किये जाते है। जैसे कि हम अपनी कम्पनी के employees को 5000 से कम और 10000 के बीच वेतन देते है तो हम यह चाहते है कि salary column में 5000 से कम और 10000 से ज्यादा की Entry user से न हो जाये तो इसके लिये salary column में validation लगा देगे। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Table(टेबल):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर financeial परिणाम जानने हो जैसे कि बैंक से लोन ले तो कितने महीने में किस रेट से, कितनी किस्त अदा करनी पडेगी। इसके लिये एक टेबल बना कर देख लेते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Consolidation(कन्सोलिडेशन):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ पर किया जाता है। जहाॅ पर दो या दो से अधिक Locations की value का total या awerage निकालना हो। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Pivote Table(पाइवोट टेबल):- इस आपशन के द्वारा data sheet की summery report तैयार की जाती है। जिसमें किसी विशिष्ट values को column & row wise total एवं grand total प्राप्त कर सकते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Microsoft Excel कैसे स्टार्ट करे।



कैसे एक्सेल start करे

Starting MsExcel

start->all programs->msoffice->excel पर क्लिक करने से  excel  की


Work Book :- (वर्क बुक)  यह  Excel  का एक document  होता है इसके अन्दर 255  work sheet होती है  By Default  इसमें तीन sheet  दिखायी देती है।
Spreat sheet (स्प्रेटशीट):-   यह Excel document  के पंेज होते है इसको worksheet भी कहां जाता है यह grid of cells or grid of rows & columns होता है।  इसके अन्दर 65 536 rows और 256 columns  होते है।  जहां पर rows और columns एक दूसरे को  intercept करते है वहां पर एक  rectagle area बनता है जिसे Cell  कहतें है।  Cell excel document का सबसे छोटा एवं महत्वपूर्ण unit है।  जिसमें data  या information store की जाती है और उस पर किसी भी तरह की गणना कर सकते है हर  cell का अपना एक विशिष्ट address या reference no. होता है।  जो columns & rows को sequence में लिखने से प्राप्त होता है।

Cell Reference(सेल रिफेन्स ) :-  हर  cell का अपना एक unique address होता है। जिसके माध्यम से cell  की value  को  access
किया जाता है। यह 4 प्रकार का होता है।

(1) Relative Reference
(2) Absolute Reference
(3) Relative & Absolute Reference
(4) Absolute & Relative Reference

1. Relative Reference(रिलेटिव रिफ्रेन्स ):- यह  Reference column & row  को  sequence में लिखने से प्राप्त  होता है। इसमंें एक  cell  के reference  में दूसरी cell का  reference पहली cell के अनुसार बदल जाता है। इसका प्रयोग करने से गणनाए करने में आसानी एवं जल्दी हो जाती है। यह cell Reference इस प्रकार लिखा जाता है। जैसे :- a2, b2 & c3 इत्यदि
2. Absolute Reference (आब्सोल्यूट रिफ्रेन्स ):- इसमें reference  को doller  के साथ में लिया जाता है। इसमें एक cell का Reference  दूसरे cell  के  Reference में बदलता नहीं है। जैसेः- $a$2 ,$b$2 और  $c$2  इत्यादि

(3) Relative & Absolute Reference(रिलेटिव और अबसोल्युट) :- इसमें  column को रिलेटिव और  Row को  absolute कर दिया जाता है। जिसमें की column दूसरी  cell के Reference  में बदल जाता है। परन्तु row नहीं बदलती है। जैसेः- a$2 & c$3. etc.
4. Ablolute & Relative Reference (अबसोल्युट और रिलेटिव रिफं्रेस):- इसमें column को absolute & Row को  Relative  लिखा जाता है। जिसमें की column fix हो जाता है। और Row बदलती है। जैसेः- $A2, $B2, और $C2  इत्यादि।

Google Search का चौथा सीक्रेट और ट्रिक्स।

अगर आपके पास डिजिटल कैमरे से खींचा हुआ या स्‍कैन किया गया हुआ फोटो है, जिसके बारे में आप नहीं जानते तो Google सर्च आपके बहुत काम का हो सकता है, बस अपने फोटो या Image को Google सर्च बार तक खींच कर ले जाईये और छोड दीजिये, Google आपको उस फोटो या Image से सम्‍बन्धित सारी जानकारी जो दुनियाभर की किसी बेवसाइट पर होगी लाकर दे देगा या उसी Image से मिलती जुलती बहुत सारी Image भी सर्च कराकर दे देगा।

बिना कम्प्यूटर एवं लैपटॉप के मोबाइल से बनाये। खुद की website free में।


दोस्तों। सबसे पहले आप ये तय करले की आप की रूचि किस विषय पर हैं। और आप किस मकसद से वेबसाइट बना चाहते है। वेबसाइट या ब्लॉग ज्यादातर बनाने वाले दो तरह के होते है एक वो जो अपने विचार लोगो से शेयर करते है।या अपने ज्ञान को लोगो से शेयर करते है दूसरा वो लोग है जो ब्लॉग या वेबसाइट से पैसा कमाना चाहते है। और या फिर अपनी कोई बिज़नस को प्रोमोट करना चाहते है।
मैं यहाँ पर स्टेप by स्टेप स्क्रीनशॉट के जरिये आपको ज्यादा आसान तरीके से बता रहा हु की कैसे आप भी अपनी खुद की वेबसाइट बना सकते है। तो दोस्तों मैं उदहारण के लिए अपने नाम का एक वेबसाइट बना रहा हु Brijesh Yadav के नाम से आप स्टेप फॉलो करे।
स्टेप1- सबसे पहले आप एक gmail की अकाउंट बनाये।
स्टेप 2- www.blogger.com पर जाये।
स्टेप 3- अपने gmai account से sign in करे।
स्टेप 4- अब स्क्रीनशॉट में दिखये अनुसार google+ profile पर क्लिक करे।
स्टेप 5- create profile पर क्लिक करे।

स्टेप 6- go to google+ पर क्लिक करें

स्टेप 7- अब वापस back जाये।

स्टेप 7- कंटीन्यू to blogger पर क्लिक करे।

स्टेप 8- create new पर क्लिक करे।

स्टेप 9- Title में website का नाम डाले।
नीचे address में अपने वेबसाइट का url डाले।जिस नाम से वेबसाइट बना रहे ह।

स्टेप 10- स्क्रीनशॉट में देखे। मैं title में अपना नाम लिखा और address में अपने नाम का यूआरएल डाला but ये यूआरएल available नही ह तो मैं अपने नाम के आगे कुछ और जोड़ देता हु। जैसे brijeshyadavblog  अब ये address available ह तो नीचे create blog पर क्लिक करे। 

स्टेप 11- अब ये ब्लॉग website आपकी ready हो गयी।है पोस्ट करने के लिए।आगे देखते ह कैसे पोस्ट करे।

post पर क्लिक करे।

ये new box ह यहाँ ऊपर आपको पोस्ट का title डालना हँ।

जैसा की मैंने डाला ह आप देख सकते ह screenshot में।

अब नीचे के बॉक्स में क्लिक करके कोई फ़ोटो पहले डालना चाहते ह तो।नीचे का स्क्रीनशॉट देखे।

जो मार्क मैंने बनाया ह उस पर क्लिक करे।

फिर ऐसा ओपन होगा मार्क किया हु उस पर क्लिक करे।

ये मेरे फ़ोन का गैलरी ओपन हुआ मै मार्क किया हु उस फ़ोटो पर क्लिक किया ओके।

अब फ़ोटो अपलोड हो रहा ह।

फ़ोटो अपलोड हो गया अब पहले फ़ोटो पर क्लिक करे फिर add सेलेक्ट पर क्लिक करे।

ये देखो आपका फ़ोटो add हो गया।

अब नीचे पोस्ट लिखे जैसा की मैंने लिखा है।

अब यहाँ पर क्लिक करके आप टैग कर सकते ह मतलब आपका पोस्ट किससे सम्बंधित हैं। अब आप ऊपर publice के button पर क्लिक करे। आपसे पूछेगा google+ पर शेयर करे तो ओके कर दीजिये।
                      
ये ह आपकी पोस्ट जहा पर ऐरो का निशान लगाया हु वह से आप edit veiw share delete कर सकते ह अपनी इस पोस्ट को।लेकिन अब आप veiw पर क्लिक करे।

veiw पर क्लिक करने पर ये ऊपर स्क्रीनशॉट में देखो ये ह आपका पोस्ट ।

अब वापस दूसरे पोस्ट के लिए पहले post पर क्लिक करे फिर new post पर क्लिक करे। ध्यान दे। 3 नं जो मार्क किया हु वो नया पेज बनाने के लिए है पोस्ट करने के लिए नही


ये ह आपकी वेबसाइट के सभी option

ये जो पोस्ट मैंने किया ह उस पर क्लिक करने पर ओपन हुवा ह।

ये नीचे का भाग ह जो पोस्ट मैंने ओपन किया है।
अगर किसी को कुछ पूछना हो तो आप कमेंट में लिख कर पूछ सकते है।
                          धन्यवाद।